Blog image

सोलर रेटिनोपैथी (Solar Retinopathy): सूर्य का प्रकाश आपकी आँखों को कैसे नुकसान पहुँचा सकता है

DR. DIVYA SINGH PATIL In Eye Health

Jun 06, 2024 | 1 min read

क्या आप जानते हैं जब आप छोटे थे तो आपको सूर्य को देखने के लिए मना किया जाता था, इसके पीछे के कारण के बारे में क्या आप जानते हैं कि हमें ऐसा करने से क्यों मना करते थे। सोलर रेटिनोपैथी (solar retinopathy) एक आँखों की समस्या है जो कि सूर्य के प्रकाश के लंबे समय तक देखने से होती है। यह आँखों की स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचा सकती है। यह एक गंभीर समस्या है जो कि अनधिकृत या अवैध धूप के लंबे समय तक संपर्क में रहने से उत्पन्न हो सकती है।

 

सोलर रेटिनोपैथी का शारीरिक प्रभाव आँखों के रेटिना पर पड़ता है, जो कि आँखों की पोषण और दृष्टि के लिए महत्वपूर्ण होता है। जब धूप के उच्च ऊर्जा के किरण लंबे समय तक आँखों के रेटिना पर पड़ते हैं, तो वे रेटिना के कोशिकाओं को हानि पहुँचा सकते हैं, जो कि बाद में दृष्टि को प्रभावित कर सकता है। यह वास्तव में रेटिना की कोशिकाओं के अधिकतम तापमान को बढ़ा सकता है, जो उन्हें नुकसान पहुँचा सकता है और उनकी क्षमता को कम कर सकता है जो आंतरिक और बाह्य मूवमेंट को प्रोसेस करते हैं।

 

सोलर रेटिनोपैथी के कारकों में धूप के अधिक संपर्क, और आनुवंशिक प्रवृत्ति शामिल हैं। विशेष रूप से लोग जो धूपीय कार्यों में शामिल हैं, जैसे कि बिल्डर्स, नौकरियों में रहने वाले और खेती कामगार, इस समस्या के लिए अधिक प्रवृत्ति रखते हैं। लंबे समय तक धूप में रहने से यह समस्या बढ़ सकती है।

 

सोलर रेटिनोपैथी के लक्षण:

सोलर रेटिनोपैथी के लक्षण व्यक्ति की आँखों की स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। यह लक्षण आँखों के समुचित प्रकार से धूपीय किरणों के संपर्क में रहने के बाद उत्पन्न होते हैं।

इसके प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • अंधापन: सोलर रेटिनोपैथी के व्यक्ति को आंखों की दृष्टि में कमी महसूस हो सकती है। यह लक्षण आंखों के प्रकारीय संरचना के नुकसान के कारण हो सकता है।
  • आंखों का दर्द: सोलर रेटिनोपैथी के व्यक्ति को आंखों में दर्द का अनुभव हो सकता है। यह दर्द आंखों के अंदरीय क्षेत्र में हो सकता है और धूप के उच्च ऊर्जा किरणों के कारण हो सकता है।
  • आंखों में जलन: सोलर रेटिनोपैथी के व्यक्ति को आंखों में जलन का अनुभव हो सकता है। यह जलन धूपीय किरणों के संपर्क में रहने के बाद आंखों के संवेदनशील क्षेत्र में हो सकता है।
  • आंखों की खराबी: लंबे समय तक सूर्य के प्रकाश में रहने के कारण, आंखों की रेटिना पर कोशिकाओं का हानि हो सकता है, जिससे आंखों की स्वास्थ्य प्रभावित हो सकती है।
  • आंखों का लाल होना: सोलर रेटिनोपैथी के व्यक्ति को आंखों का लाल होने की समस्या हो सकती है, जो धूपीय किरणों के कारण होती है।

यदि आपको इन लक्षणों में से किसी भी एक या अधिक का अनुभव हो रहा है, तो आपको तुरंत आँखों के विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए। वे आपके लक्षणों का मूल कारण निर्धारित करेंगे और आपको सही उपचार प्रदान करेंगे।

 

सोलर रेटिनोपैथी के उपचार और निवारण

सोलर रेटिनोपैथी के उपचार और निवारण के लिए कुछ महत्वपूर्ण तरीके निम्नलिखित हैं:

  • आराम देना: सोलर रेटिनोपैथी के लक्षणों को कम करने के लिए, आराम करना महत्वपूर्ण है। आंखों को धूप से दूर रखने और उन्हें विश्राम देने के लिए आँखों को बंद करने की आदत डालने में मदद मिल सकती है।
  • संरक्षित धूपीय चश्मा: धूपीय किरणों से आँखों को सुरक्षित रखने के लिए, संरक्षित धूपीय चश्मा पहनना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये चश्मे उच्च ऊर्जा किरणों को कम करके आंखों की सुरक्षा करते हैं।
  • दवाओं का सेवन: अधिकांश मामलों में, डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं का सेवन सोलर रेटिनोपैथी के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। यह दवाएं आंखों के दर्द, जलन और अन्य लक्षणों को कम कर सकती हैं।
  • चिकित्सा उपचार: अधिक गंभीर मामलों में, चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है। डॉक्टर के परामर्श और निर्देशों के अनुसार, विशेषज्ञ चिकित्सा उपचार प्रदान कर सकते हैं जैसे कि दवाओं का सेवन, ऑप्टिकल ट्रीटमेंट, या अन्य चिकित्सा प्रक्रियाएं।
  • नियमित आँखों की जाँच: सोलर रेटिनोपैथी के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए, नियमित आँखों की जाँच करवाना महत्वपूर्ण है। डॉक्टर आपकी आँखों की स्वास्थ्य को मापने और लक्षणों की पहचान करने में मदद करेंगे।
  • धूप से बचाव: सोलर रेटिनोपैथी के लक्षणों को रोकने के लिए, धूप से बचाव बहुत महत्वपूर्ण है। धूपीय किरणों से बचने के लिए, अपनी आँखों को संरक्षित रखने के लिए समर्थ चश्मे और टोपी पहनें। धूप में बचने के लिए, धूप के समय में आंखों की सुरक्षा के लिए संरक्षित रखना चाहिए।

इन उपायों को अपनाकर, सोलर रेटिनोपैथी के लक्षणों को कम किया जा सकता है और आप अपनी आँखों की स्वास्थ्य को संरक्षित रख सकते हैं। लेकिन यदि लक्षण स्थायी हैं या बढ़ रहे हैं, तो तुरंत एक आँखों के विशेषज्ञ से परामर्श लेना चाहिए।

Like467 Share567

Written and Verified by:

DR. DIVYA SINGH PATIL

DR. DIVYA SINGH PATIL

MBBS, MD (AIIMS NEW DELHI), DNB & FAICO

MEET THE EXPERT

Related Blogs

Get a Call Back

Book Appointment Call now 1800 1200 111