आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हमारी आंखों की देखभाल को हम बहुत अधिक महत्व नहीं देते हैं। इसका असर हमारी आंखों पर होता है और हम अक्सर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। आजकल बहुत से लोगों को ड्राई आई सिंड्रोम की समस्या हो जाती है, जिसे हम हिंदी में ‘सूखी आंखें’ कहते हैं। यह समस्या आंखों के सतह के सूखने और आंखों की प्राकृतिक तरीके से तरलता बनाए रखने में कमी होने से होती है। आज हम इस ब्लॉग में जानेंगे कि सूखी आंखें या ड्राई आई सिंड्रोम क्या होता है, और उसका कारण, उपाय और उपचार क्या है।
सूखी आंखें एक आँखों से जुड़ी समस्या है, यह समस्या तब उत्पन्न होती है जब आंखों की परत कंजंक्टिवा का तरल पदार्थ सुख जाता है या कम हो जाता है जिससे आंखों में आंसू की मात्रा सही नहीं बनती और उनकी गुणवत्ता नहीं होती।
आंसू तीन परतों से मिलकर बनते हैं:
जब इन परतों में से कोई भी सही से काम नहीं करती, तो सूखी आंखों की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
यह समस्या वृद्ध लोगों में अधिक होती है, लेकिन आजकल यह युवाओं को भी देखने को मिलता है, विशेष रूप से जो लोग कंप्यूटर या मोबाइल पर लंबा समय बिताते हैं।
अगर आपकी आंखें सुखी हैं तो लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन के सामने न बैठे, आंखों को नियम अंतराल पर आराम दे। हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए किसी दूर की वस्तु को देखें।
सुखी आँखे और उसका पता लगाने के लिए कुछ टेस्ट किये जाते हैं, उसमे सम्मिलित है।
जिन लोगों को ड्राई आइस की समस्या मामूली होती है या कभी-कभार होती है, उन्हें दवाइयों से ही राहत मिलती है। यदि समस्या गंभीर है तो कारण के आधार पर उपचार दिया जाता है। ड्राई आई सिंड्रोम के लिए आई ड्रॉप और कृत्रिम आँसू (artificial tear) पहली पंक्ति के उपचार हैं। आंसुओं का उत्पादन बढ़ाने के लिए आंसू उत्तेजक दवाएं दी जाती हैं।
निष्कर्ष:
सूखी आंखें एक आम लेकिन असहज स्थिति हो सकती हैं। सही देखभाल और उपचार से इसे प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। अपनी आंखों की नियमित देखभाल करें, उचित उपाय अपनाएं, और जरूरत पड़ने पर चिकित्सकीय सलाह लें। आपकी आंखें महत्वपूर्ण हैं, उनकी देखभाल करें और स्वस्थ दृष्टि का आनंद लें।